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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

शनिवार, 8 मई 2010

सामाजिक सरोकार-नारी शक्ति --डा सरोज चूडामणि --कुलपति चिकित्सा महा विद्यालय .....

--आज जहां अधिकाँश चिकित्सक , चिकित्सा अफसर , चिकित्सा -अध्यापक - इस प्रकार के गैर चिकित्सकीय , स्वयं के लिए नॉन-प्रोडक्टिव कार्यों से बच कर अपनी प्राइवेट -प्रेक्टिस में अधिक रूचि रखने में रूचि रखते हैं ; वहीं चिकित्सा महाविद्यालय की वर्त्तमान कुलपति की प्रशंसा करनी होगी कि वे लगातार आकस्मिक निरीक्षण करके कुछ उचित दिशा दे रही है। टाइल्स उखाड़ने वाले जैसे कार्य की जांच का कार्य उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता व अन्य चिकित्सकों के लिए दिशा देने जैसा कार्य है, वे बधाई की पात्र हैं।
अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर ख्याति प्राप्त जनरल सर्जन व बाल रोग सर्जन कुलपति डा सरोज चूडामणि - भारत की प्रथम महिला जनरल सर्जन व प्रथम महिला बाल-रोग सर्जन है। वे कुलपति के गुरु-गंभीर दायित्व के साथ साथ अपना चिकित्सक व अधिकारी का दायित्व कुशलता से निभाना जानती हैं , जो उनके समय समय पर किये गए कार्यों से परिलक्षित होता रहता है। मैंने उन्हें अपने चिकित्सा -विद्यालय - एस.एन. मेडीकल कालेज आगरा के सीनियर के रूप में ,कालेज दिनों से ही देखा है कि वे सदैव ही धुन की पक्की , कठोर परिश्रमी प्रतिभाशाली क्षात्र, सहृदय व्यक्तित्व , कुशल व सक्षम चिकित्सक एवं अनुशासक अधिकारी रही है। ऐसी नारी शक्ति को सलाम।