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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

बुधवार, 15 जून 2011

बाबा रामदेव के सत्याग्रह व अनशन के फलितार्थ.....डा श्याम गुप्त ....

                                                                             ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

                              परमार्थ की , देश- समाज की, जन जन की  सदेक्षा हित  किया हुआ कोइ भी कर्म चाहे व सफल हो या असफल या दमन किया गया हो ..कभी व्यर्थ नहीं जाता.....बाबा राम देव के सत्याग्रह व अनशन के फलितार्थ इस प्रकार हैं.....
१-सरकार की मंशा कि वह भ्रष्टाचार मिटाने के प्रति कितनी  सजग है  इसका ज्ञान जग-जाहिर होजाना 
२-वर्त्तमान सरकार व उसके कर्ता-धर्ताओं का मूल चरित्र प्रकाश में आजाना....
३- लोकतंत्र की जड़ें सरकार व जनता में देश में कितनी गहरी व वास्तविक हैं इसका ज्ञान...
४-कांग्रेस पार्टी आलाकमान  का चरित्र स्पष्ट होना.....एक पत्रकार की ह्त्या पर तुरंत टिप्पणी ..पर ...विश्व के गंभीरतम मुद्दे भ्रष्टाचार पर देश की जन-जन की प्रतिक्रया पर कोइ प्रतिक्रया नहीं ....
५-देश की जनता  का जन जागरण  ..जो अपार जन समूह के समर्थन से व्यक्त हुआ...
६-अन्ना व बावा रामदेव को एक मंच पर लाना व  अन्ना हजारे व उनके सहयोगियों का  सचेत होजाना  कि उनके साथ भी कुछ भी होसकता है अतः सचेत होकर अपने कलापों की प्रोग्रामिंग करें |
७-बावा को सबक कि ...राजनीति में सिर्फ  साधु स्वभाव से ...आसानी से....कार्य नहीं होता ..अपितु ....'.शठे शाठ्यं समाचरेत' .... आगे वे अपनी कार्य नीति उसी प्रकार बनाएँ ....
८-गृह मंत्री को भ्रष्टाचार पर शीघ्र ही घोषणा करने को मजबूर होना पड़ा  ....जो काम अभी तक नहीं होपाया था....
९- हो सकता है बावा रामदेव या विरोधी राजनेताओं को फंसाने, नीचा दिखाने  आदि के क्रम में विपक्षियों व सरकार द्वारा विभिन्न भ्रष्टाचार निरोधी  अभियान चलाये  जायं  जो अंततः देश के हित में ही होंगे....
१०--दूरगामी फलितार्थ यह है कि जन जन..सभी ...योग.. योगी ( साथ में  विदेश की नक़ल योगा भी ) ..साधू, सन्यासी, संन्यास ....आदिके अर्थ व उन पर विचार-विमर्श, जानकारी व ज्ञान के प्रति उत्कंठित व उत्साहित होंगे...... व  देश, देशवासी , समाज, संस्कृति व विश्व ..लाभान्वित होंगे ....

श्याम लीला..७ ..पुष्प-केलि...

                                                                       ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...

पुष्पों  की   वर्षा  करें ,  राधा  पर   घन-श्याम,
छवि कदम्ब के बृक्ष की,सुलसित ललित ललाम |
सुलसित ललित ललाम,  गोप   गोपी   हरषायें,
ललिता  कुसुमा  राधाजी, मन  अति सुख  पायें |
विह्वल भाव वश, देव दनुज किन्नर नर नागर ,
करें     पुष्प  वर्षा      राधा  पर    नटवर  नागर ||

राधा  जी  के  अंग  को  परसें  पुष्प लजायं ,
भाव विह्वल हो नमन कर सादर पग बिछ जायं |
सादर पग बिछ जायं,लखि चरण शोभा न्यारी ,
धन्य धन्य हैं पुष्प, श्याम लीला   बलिहारी  |
तरु कदंब हरषायं,   देखि गुन   कान्हा जी  के ,
क्रीडा करते श्याम, श्याम’ संग राधा जी के  ॥