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डा श्याम गुप्त का ब्लोग...

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Lucknow, UP, India
एक चिकित्सक, शल्य-चिकित्सक जो हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान व उसकी संस्कृति-सभ्यता के पुनुरुत्थान व समुत्थान को समर्पित है व हिन्दी एवम हिन्दी साहित्य की शुद्धता, सरलता, जन-सम्प्रेषणीयता के साथ कविता को जन-जन के निकट व जन को कविता के निकट लाने को ध्येयबद्ध है क्योंकि साहित्य ही व्यक्ति, समाज, देश राष्ट्र को तथा मानवता को सही राह दिखाने में समर्थ है, आज विश्व के समस्त द्वन्द्वों का मूल कारण मनुष्य का साहित्य से दूर होजाना ही है.... मेरी तेरह पुस्तकें प्रकाशित हैं... काव्य-दूत,काव्य-मुक्तामृत,;काव्य-निर्झरिणी, सृष्टि ( on creation of earth, life and god),प्रेम-महाकाव्य ,on various forms of love as whole. शूर्पणखा काव्य उपन्यास, इन्द्रधनुष उपन्यास एवं अगीत साहित्य दर्पण (-अगीत विधा का छंद-विधान ), ब्रज बांसुरी ( ब्रज भाषा काव्य संग्रह), कुछ शायरी की बात होजाए ( ग़ज़ल, नज़्म, कतए , रुबाई, शेर का संग्रह), अगीत त्रयी ( अगीत विधा के तीन महारथी ), तुम तुम और तुम ( श्रृगार व प्रेम गीत संग्रह ), ईशोपनिषद का काव्यभावानुवाद .. my blogs-- 1.the world of my thoughts श्याम स्मृति... 2.drsbg.wordpres.com, 3.साहित्य श्याम 4.विजानाति-विजानाति-विज्ञान ५ हिन्दी हिन्दू हिन्दुस्तान ६ अगीतायन ७ छिद्रान्वेषी ---फेसबुक -डाश्याम गुप्त

सोमवार, 6 मार्च 2017

श्री जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता सम्मान ---- परिचय --डा श्याम गुप्त --


                           ....कर्म की बाती,ज्ञान का घृत हो,प्रीति के दीप जलाओ...


श्री जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता सम्मान ---- परिचय --

-------पूज्य पिताजी स्व.जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता स्वतंत्रता संग्राम के काल में अपने ग्राम मिढाकुर, जिला आगरा में देश भक्ति के गीतोंको गाने वाली टोली के नायक थे |

------जब अंग्रेज़ी सरकार ने रेल पटरियों की क्रांतिकारियों से सुरक्षा हेतु गाँव के युवकों को ही बेगार में कार्य करने हेतु चुना, उन्हें २-२, ४-४-की टोलियों में रात्रि भर पटरियों की सुरक्षार्थ लगाया जाने लगा | वे मशाल लेकर रातभर पटरियों की सुरक्षा करते थे परन्तु इस स्थिति का भी उन्होंने उचित लाभ उठाया और रात भर देश भक्ति के, स्वतंत्रता के एवं गांधीजी के गीत गाते हुए पटरियों पर दौड़ते थे | यह भी जन आन्दोलन का एक भाग बन गया |

-------पूज्य पिताजी की स्मृति में यह सम्मान २०१५ ई.से प्रतिवर्ष किसी एक साहित्यकार को १ मार्च साहित्यकार दिवस पर दिया जाता है जिसमें अंगवस्त्र-शाल, प्रतीक चिन्ह, सम्मान -पत्र एवं प्रतीकात्मक नकद राशि प्रदान की जाती है | अभीतक यह सम्मान प्राप्तकर्ता निम्न साहित्यकार हैं------
२०१५----साहित्यभूषण डा रंगनाथ मिश्र सत्य
२०१६--- डा योगेश गुप्त
२०१७--- श्री देवेश द्विवेदी 'देवेश'



चित्र१--पूज्य पिताजी स्व-जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता ---
२. वह गीत जिसे वे अकसर गुनगुनाया करते थे ..
३. सम्मान पत्र
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हस्त लिखित गीत ----








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